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Shreya Raj

Abstract Drama Inspirational

4  

Shreya Raj

Abstract Drama Inspirational

चिट्ठियाँ

चिट्ठियाँ

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चिट्ठियाँ प्यार की, 

आशिक के इकरार की

ख़ामोशी भरे लफ़्ज़ों में, 

भाव के भरमार सी। 


चिट्ठियाँ बदलाव की, 

समझौते की, अलगाव की;

क्षण भर में झकझोर के रख दे

किसी ऐसे कलाकार की। 


खून से, अंगारों से, फूलों से लिखी चिट्ठियाँ, 

इतिहास की साक्षी, भविष्य की सारथी 

हर पल लिखी जाती चिट्ठियाँ। 

कुछ औपचारिकता निभाती है तो

कुछ बिन रुके हमारा रोम-रोम बोल जाती हैं। 


चाँद से पन्नों पर शब्दों की बहार सी, 

और फिर वो घड़ियाँ इंतज़ार की

काफी होती है रिश्तों को बनाये रखने के लिए


वो चिट्ठियाँ अपने काग़ज़ से पतले देह पर

सैकड़ों मनोदशाओं को छुपाये हैं। 


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