मेरी प्यारी महबूबा
मेरी प्यारी महबूबा
नजरों में बस जाती हो तुम, एक सुंदर नया अंदाज बनकर,
मेरे इश्क को सजाती हो तुम, मेरी प्यारी महबूबा बनकर।
जब जब मुझे मिलती हो तुम, मेरे दिल की धड़कन बनकर,
सांसो की सरगम मिलाती हो तुम, मेरी प्यारी महबूबा बनकर।
इश्क की बारिश बरसाती हो तुम, मेरे ख्वाबों के बादल बनकर,
बिजली की तरह चमकती हो तुम, मेरे प्यारी महबूबा बनकर।
रोम रोम में लहराती हो तुम, इश्क की महकती बसंत बनकर,
पतझड़ को दूर करती हो तुम, मेरी प्यारी महबूबा बनकर।
इश्क का राग बनती हो तुम, इश्क का पंचम स्वर लगाकर,
"मुरली" की गज़ल बनती हो तुम, मेरी प्यारी महबूबा बनकर।