जिंदगी
जिंदगी
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हां मैं उदास हुं
क्योंकि जिंदगी से परेशान हूँ
मेरी जिंदगी चार पन्नों में सिमटी लगती है
हर पन्ना अधूरा सा लगता है
सब अब बुरा सा लगता है
कहीं छिपने का मन है
जहां सुकून के पल हो
जहां सिर्फ मैं हूँ और हर पल मेरा हो...