saabi .
Drama
हां मैं उदास हुं
क्योंकि जिंदगी से परेशान हूँ
मेरी जिंदगी चार पन्नों में सिमटी लगती है
हर पन्ना अधूरा सा लगता है
सब अब बुरा सा लगता है
कहीं छिपने का मन है
जहां सुकून के पल हो
जहां सिर्फ मैं हूँ और हर पल मेरा हो...
विदाई
ये लाल इश्क़
पुराने किस्से...
दिवाली मना ले...
"घुंघरू मेरा ...
बस एक थप्पड़ ...
कलम से
राखी, एक वचन....
हर नज़र ने कु...
जिंदगी
मान मेरा यकीन, भाग्य तो क्या, हाथों की लकीरें भी बदलेंगी, मान मेरा यकीन, भाग्य तो क्या, हाथों की लकीरें भी बदलेंगी,
हर पल पर- हित का चिंतन करें, वे सब ही जन हैं सच्चे सुपर-मैन। हर पल पर- हित का चिंतन करें, वे सब ही जन हैं सच्चे सुपर-मैन।
सांस ले सकूँ जो चमन में फिर वही खुल आसमान चाहिए। सांस ले सकूँ जो चमन में फिर वही खुल आसमान चाहिए।
अब हम भी इस काबिल हैं कि हमें तुम्हारी ज़रूरत नहीं। अब हम भी इस काबिल हैं कि हमें तुम्हारी ज़रूरत नहीं।
कोशिशें में दरबदर करता रहूंगा, जब तक है जान लड़ता रहूंगा। कोशिशें में दरबदर करता रहूंगा, जब तक है जान लड़ता रहूंगा।
शब्दों से सिंहासन हिला रचता एक क्रांति मैं शब्दों से सिंहासन हिला रचता एक क्रांति मैं
खुशनसीब होते हैं वो लोग आकिब' जिन्हें मिलती है लाफ़ानी खुशी एक दिन। खुशनसीब होते हैं वो लोग आकिब' जिन्हें मिलती है लाफ़ानी खुशी एक दिन।
ऐ ज़िन्दगी, तू सिखाने का, कीमत क्यों तय नहीं कर लेती है, ऐ ज़िन्दगी, तू सिखाने का, कीमत क्यों तय नहीं कर लेती है,
अपने लिए सुविधाओं को जुटाने में स्वयं की जड़ काटता जा रहा है। अपने लिए सुविधाओं को जुटाने में स्वयं की जड़ काटता जा रहा है।
इस भुगतान की भरपाई कहाँ से होगी ? और कौन करेगा ? इस भुगतान की भरपाई कहाँ से होगी ? और कौन करेगा ?
मेरी हालातों ने मेरे ख्याल बदल दिए ज़िन्दगी की राहों पर हम अकेले चल दिए। मेरी हालातों ने मेरे ख्याल बदल दिए ज़िन्दगी की राहों पर हम अकेले चल दिए...
दिल को फिर न कुछ मेरे, अब दरकार है। दिल को फिर न कुछ मेरे, अब दरकार है।
दुनिया से लड़ जाऊं अकेली, तीर की तरह करूं इबादत तेरी, किसी पीर की तरह। दुनिया से लड़ जाऊं अकेली, तीर की तरह करूं इबादत तेरी, किसी पीर की तरह।
डूबा सूरज गया उजाला, चाॅ॑द सितारे आने को हैं। डूबा सूरज गया उजाला, चाॅ॑द सितारे आने को हैं।
भूल कर जात-पात् हम एक हो जाए ऐसी सुबह जल्द हो जब सब एक सोच हो जाये। भूल कर जात-पात् हम एक हो जाए ऐसी सुबह जल्द हो जब सब एक सोच हो जाये।
जो झूठ से बाबस्त है वो सच के आगे कहाँ टिकते हैं। जो झूठ से बाबस्त है वो सच के आगे कहाँ टिकते हैं।
अरे एक बार बस्ती में हो आओ, दाने दाने का मूल्य समझ पाओ। अरे एक बार बस्ती में हो आओ, दाने दाने का मूल्य समझ पाओ।
तुम तिजोरी के लुटने पर रोते हो रौशन लोग खंडहर की ईंटें भी चुरा लेते हैं। तुम तिजोरी के लुटने पर रोते हो रौशन लोग खंडहर की ईंटें भी चुरा लेते हैं।
तू जरूरी है कुछ यूं,जैसे प्यासे को नीर की तरह। तू जरूरी है कुछ यूं,जैसे प्यासे को नीर की तरह।
बरबाद हम हुए है, तेरी बला से.. हुई जीत तेरी, मेरी हार से।। बरबाद हम हुए है, तेरी बला से.. हुई जीत तेरी, मेरी हार से।।