राखी, एक वचन..
राखी, एक वचन..
बहना, तू ने बांधी है एक डोर मेरे कलाई पर
जो नाजुक धागा है, तेरे भाई का वचन है..
मैं खड़ा हूं एक साय के तरह तेरे पीछे पर
तुझे कमजोर नही बनना है..
हर कदम पर तेरा मान की रक्षा करूंगा पर,
तुझे अबला नहीं सबला बनना है..
आखिरी सांस तक इस बंधन को निभाऊंगा पर
तुझे निर्भर नहीं, आत्मनिर्भर बनना है..
वचन है, तुझे सबल बनाऊंगा, ऐसे ही मैं तेरी रक्षा का वचन निभाऊंगा..
