STORYMIRROR

राम शरण सेठ

Inspirational

4  

राम शरण सेठ

Inspirational

धरा... राम शरण सेठ सेठ

धरा... राम शरण सेठ सेठ

1 min
169


धरा आज पुकार रही।

तू करता रहा मेरा दुरुपयोग।।

आज उसी का परिणाम तू।

भुगत रहा।।


 सुधर गए तो तेरा भविष्य।

 उज्जवल होगा।।

 ना सुधरा तो तेरा भविष्य।

 अंधकार होगा ।।


धरती यही पुकार रही ।

आ जाओ मेरे साथ सभी।।

 तभी जाकर हम और।

 तुम इस संसार को आगे ले पाएंगे।।


और आने वाली पीढ़ी को।

कुछ नया दे पाएंगे ।।

नया दे पाएंगे उन्हें ।

कुछ बता पाएंगे ।।


भविष्य के लिए एक।

सुंदर संसार छोड़ जाएंगे।।

धरा आज पुकार रही।

तू करता रहा मेरा दुरुपयोग।।




Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational