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राम शरण सेठ

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राम शरण सेठ

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बसंत

बसंत

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बसंत का मौसम आया है ।

हम सभी को भाया है।।

 उत्तर से लेकर दक्षिण तक।

 पूरब से लेकर पश्चिम तक।।

 हर दिशाओं में बसंत ही समाया है।

 बसंत ने अपना रूप दिखाया है ।।

बसंत की बात निराली है।

 बसंत की शान निराली है ।।

जहां देखो वहां बसंती बसंत नजर आ रहा है ।

हर जगह बसंत का खुमार छा रहा है।।



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