प्यार -अदृश्य
प्यार -अदृश्य
अदृश्य है।
यह हर किसी के लिए अदृश्य है।।
ना दिखता है।
ना समझ में आता है।।
फिर भी हम किसी के साथ रहता है।
हर किसी के पास होता है।।
राजा हो या रंक।
हर किसी के साथ होता है।।
दुनिया यूं ही चलती रहती है।
हर किसी को कुछ न कुछ प्रेम बारे में बताती रहती है।।