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Moren river

Abstract

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Moren river

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एक शिक्षक#©डॉ.अमित दवे,खड़गदा

एक शिक्षक#©डॉ.अमित दवे,खड़गदा

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एक शिक्षक

कच्ची मिट्टी में

शीतल जल देखता है

 तभी तो घट गढ़ता है।


एक शिक्षक 

आज मैं कल देखता है

तभी तो आज पर जीवन

निवेश करता है।


एक शिक्षक

सपनों में जीवन देखता है।

तभी तो उन्हें जीवंत करने

का प्रयास करता है।


एक शिक्षक.

जब स्वयं खपता है.

तभी तो स्वर्णिम युग

निर्माण फलता है।


एक शिक्षक

जब सच में शिक्षक होता है.

तब परिवर्तन स्वतः ही दिखता है।


एक शिक्षक

जब शिक्षकत्व स्वयं का भूलता है

तभी पतन वह हाथों अपने

स्वयं सृजित करता है।

सच ! पतन वह हाथों अपने

स्वयं सृजित करता है।


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