STORYMIRROR

Shailaja Bhattad

Abstract

4  

Shailaja Bhattad

Abstract

गुरु ज्ञान

गुरु ज्ञान

1 min
189


गुरू ज्ञान से राहें संभल जाती है। 

एक, दो नहीं हर मुश्किल सुलझ जाती है।


अवसरों के दरवाजे खुलते हैं। 

संभावनाओं से हाथ मिलते हैं। 


इरादों की मशाल बुझती नहीं

गुरु की छत्रछाया जब छूटती नहीं। 


टूटना नहीं जुड़ना सिखाते हैं। 

सत्य को सत्य कहना बताते हैं।


गुरु है हमारे। 

हमें हर हाल में चलना सिखाते हैं।


गुरु ने हमारा कद बढ़ाया है। 

मान-सम्मान का हकदार बनाया है।


 गुरु ज्ञान है। गुरु विज्ञान है। 

गुरु की सूझबूझ से ही हमारा हो रहा कल्याण है।


सपनों को धरातल दिया है। 

ग्लानि भाव से गुरु ने हम सबको मुक्त किया है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract