हमें ही अलख जगाना है हमें अपने और अपनों को बचाना है। हमें ही अलख जगाना है हमें अपने और अपनों को बचाना है।
हमें तो इस धरती को स्वर्ग बनाना है ! और लोगों को शांति का पाठ पढ़ाना है ! हमें तो इस धरती को स्वर्ग बनाना है ! और लोगों को शांति का पाठ पढ़ाना है ...
अपने निकृष्ट कर्मों की जाने कब हमारा श्रमण आएगा। अपने निकृष्ट कर्मों की जाने कब हमारा श्रमण आएगा।
पिघलता है एक एक कतरा, पिघलता है एक एक कतरा,
कुछ कर के जो ,कुछ धर के जो । कुछ लिख के सो ,कुछ पढ़ के सो । कुछ कर के जो ,कुछ धर के जो । कुछ लिख के सो ,कुछ पढ़ के सो ।
सपनों को धरातल दिया है। ग्लानि भाव से गुरु ने हम सबको मुक्त किया है। सपनों को धरातल दिया है। ग्लानि भाव से गुरु ने हम सबको मुक्त किया है।