पिघलता है एक एक कतरा, पिघलता है एक एक कतरा,
एक दिन तेरा बदलता वजूद ही तेरा साथ नहीं निभाएगा, एक दिन तेरा बदलता वजूद ही तेरा साथ नहीं निभाएगा,
बन्द दरवाजों के पार न जाने क्या होगा कुछ अटकलें लगाता बन्द दरवाजों के पार न जाने क्या होगा कुछ अटकलें लगाता