Pradeepti Sharma
Tragedy Others
सुलगती है जो भीतर,
सर सर करती पल पल,
पिघलता है एक एक कतरा,
इस कदर एक अनकही पीड़ा में,
मानो जैसे कोई लावा सा बहता हो।
तुम हर मौसम य...
इंदुकला
इन्साफ
एक प्रेम ऐसा ...
वक़्त
जीवंत
सड़क
ठहराव
स्वीकृति
धारा
किसी के पापा मम्मी को उनसे जुदा ना करना। किसी के पापा मम्मी को उनसे जुदा ना करना।
दुख हों चाहे सुख हों, अपनी आँखों से न व्यर्थ छलकाओ। दुख हों चाहे सुख हों, अपनी आँखों से न व्यर्थ छलकाओ।
खबर क्या थी.. जा रहे हैं बोल कर जो दो मीठे बोल.. खबर क्या थी.. जा रहे हैं बोल कर जो दो मीठे बोल..
मैं अनाथ मैं अनाथ,मेरा जीवन अनाथ। मैं अनाथ मैं अनाथ,मेरा जीवन अनाथ।
ऐसे छुपा लेते हैं अपनी पहचान को चेहरे पर लगाकर हजारों चेहरे। ऐसे छुपा लेते हैं अपनी पहचान को चेहरे पर लगाकर हजारों चेहरे।
जब टूटती है आस खो जाता है विश्वास नहीं रहता यकीन अपनों पर भी कभी कभी!! जब टूटती है आस खो जाता है विश्वास नहीं रहता यकीन अपनों पर भी कभी कभी!!
तुम्हारी नाराजगी मेरी चाहत मैं चाहकर भी तुमको भुला नहीं पाता। तुम्हारी नाराजगी मेरी चाहत मैं चाहकर भी तुमको भुला नहीं पाता।
मैं बिरहन अकेली बैठी तुम्हें स्वाति नक्षत्र की बूंद ही बनना था ? मैं बिरहन अकेली बैठी तुम्हें स्वाति नक्षत्र की बूंद ही बनना था ?
जगत-भीड़ में खो गये,लाख चेहरे हैं कैसे ढूंढूं,उजाले में भी अब अंधेरे हैं। जगत-भीड़ में खो गये,लाख चेहरे हैं कैसे ढूंढूं,उजाले में भी अब अंधेरे हैं।
खंड चक्र पर अंकित काला दिवस पुलवामा याद आया। खंड चक्र पर अंकित काला दिवस पुलवामा याद आया।
जुमलों के सब सौदागर कब चाहें जन कल्याण। जुमलों के सब सौदागर कब चाहें जन कल्याण।
आडम्बर है बस और अपनत्व ओझल हो रहा! यह क्या यहाँ है हो रहा ? यह क्या यहाँ है हो रहा? आडम्बर है बस और अपनत्व ओझल हो रहा! यह क्या यहाँ है हो रहा ? यह क्या यहाँ है ह...
तुम जब बाबू के लिए खाना पका रही होगी खाने की खुशबू वहाँ हलचल मचा रही होगी , तुम जब बाबू के लिए खाना पका रही होगी खाने की खुशबू वहाँ हलचल मचा रही होगी ,
अपने वर्चस्व के लिए, तू धरती को भी, मिटा देना चाहता। अपने वर्चस्व के लिए, तू धरती को भी, मिटा देना चाहता।
प्यार भरे खत पढ़ते - पढ़ते, सजदे में कलमा पढ़ना भूल गई, प्यार भरे खत पढ़ते - पढ़ते, सजदे में कलमा पढ़ना भूल गई,
कशमकश में जिंदगी है,घुट रहा अहसास है। कशमकश में जिंदगी है,घुट रहा अहसास है।
मुझे साथ बिताए वो पुराने दिन फिर से चाहिए, तुम भी कुछ ऐसा ही चाहती हो क्या ? मुझे साथ बिताए वो पुराने दिन फिर से चाहिए, तुम भी कुछ ऐसा ही चाहती हो क्या ?
दर्द देकर पूछते हैं कि हाल कैसा है छोड़ा मजधार में तो मलाल कैसा है. दर्द देकर पूछते हैं कि हाल कैसा है छोड़ा मजधार में तो मलाल कैसा है.
मुजरिम बन जाते हैं वो लोग, जिनके प्यार में दगा होता है। मुजरिम बन जाते हैं वो लोग, जिनके प्यार में दगा होता है।
जिसमें मुझे सिर्फ था गुरूर पर बेवफाई, छुपा हुआ था। जिसमें मुझे सिर्फ था गुरूर पर बेवफाई, छुपा हुआ था।