कभी दफ़न कर दिया उसे, मन के तहखानों की, गहरी शीत भरी परतों में। कभी दफ़न कर दिया उसे, मन के तहखानों की, गहरी शीत भरी परतों में।
बन्द दरवाजों के पार न जाने क्या होगा कुछ अटकलें लगाता बन्द दरवाजों के पार न जाने क्या होगा कुछ अटकलें लगाता