जुड़े रहे जमीन से
जुड़े रहे जमीन से
कुछ और ज्यादा
थोड़ा और बड़ा
मिल जाए बस....तो ये जीवन जी लूं।
और खुश हो लूं।।
जो मिला कभी
पूरा नहीं लगा
तिनका तिनका जीवन
बढ़ता गया.....।।
जितना मिला
उससे ज्यादा को
दिल फिर मचला
तिनका तिनका जीवन
बढ़ता गया....।।
यह दौड़ कभी
खत्म ना हुई
जब सब मिला
तब यह लगा
तिनका तिनका जीवन
अब बीत गया....।।
घर बड़ा मिला
परिवार छोटा हो चला
तब यह लगा कि
खुशी तो तब थी
जब घर छोटा था
और परिवार बड़ा....।।
इसी जद्दोजहद में
तिनका तिनका जीवन
अब बीत गया....।।
जीवन पहले जिया
या अब जिया??
समझ ही नहीं आया
जी भर के जीने से
पहले ही जीवन मुझसे
मुंह मोड़ गया....।।
जीवन जीना मैं
सीख ना पाया
सारा जीवन मैंने
सपनों में बिताया....।।
पल पल में जीना था
जिस जीवन को
उसे हर रोज कल पर
छोड़ता आया....।।
बस ऐसे ही मेरा
सारा जीवन बीत गया
ना मैं जीवन जी पाया
ना कभी खुश हो पाया....।।