STORYMIRROR

Kanchan Shukla

Inspirational

4  

Kanchan Shukla

Inspirational

एक दिन और.....

एक दिन और.....

1 min
402

बस यूं ही एक दिन और गुजर गया....।

इज़हार ए इश्क आज भी ना हुआ बंयां।

आज भी टाल दिए कुछ काम कल पे,

एक आज फिर से बीता कल बन गया।

किसी ने चोट खाइ दिल पे,

कोई फिर अपने वादे से मुकर गया।

बस यूं ही एक दिन और गुजर गया....।


किसी ने दी तसल्ली किसी को,

कोई अपनी उलझनों में उलझ गया।

किसी की धड़कनें थम गई,

किसी को नवजीवन मिल गया।

किसी का सफर खत्म हो गया,

कोई नए सफर पे निकल गया।

बस यूं ही एक दिन और गुजर गया....।


किसी ने महफ़िल में गीत गाया,

कोई वीरानों में भटक गया।

किसी ने पा ली शोहरत की ऊंचाई,

कोई हार कर फंदे से लटक गया।

किसी ने चुकाया मोल अपनी गलतियों का,

कोई किसी और की गलती से बिखर गया।

बस यूं ही एक दिन और गुजर गया....।



ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
ଲଗ୍ ଇନ୍

Similar hindi poem from Inspirational