हने की कोशिश में महीन फुसफुसाहट तुम्हारे सिगरेट के कश में अटक गई कहीं धुएँ के गोल- गोल छल्लों मे... हने की कोशिश में महीन फुसफुसाहट तुम्हारे सिगरेट के कश में अटक गई कहीं धुएँ क...
खुद को ही पढ़ाता पढ़ता रहा मैं खुद को पढ़कर समझता रहा मैं खुद को ही पढ़ाता पढ़ता रहा मैं खुद को पढ़कर समझता रहा मैं
सुबह से शुरू हो रात हो जाती हूँ ख़ुशियाँ सभी की बन जाती हूँ सुबह से शुरू हो रात हो जाती हूँ ख़ुशियाँ सभी की बन जाती हूँ
उन बदले हुए सवालों के साथ जब सोच बदलती है उन बदले हुए सवालों के साथ जब सोच बदलती है
जहां में लगा है पता आकर हुआ कब सवेरा बिना मां के जहां में लगा है पता आकर हुआ कब सवेरा बिना मां के
तभी तो तमाम उम्र तुम्हारा इंतज़ार करते रहे! तभी तो तमाम उम्र तुम्हारा इंतज़ार करते रहे!