बिना मां के
बिना मां के
जहां है अधूरा बिना मां के
न कोई सहारा बिना मां के
भंवर में उलझ जाओगे तन्हा
न मिलता किनारा बिना मां के
जहां में लगा है पता आकर
हुआ कब सवेरा बिना मां के
हवेली महल भी लगे खाली
है तन्हा बसेरा बिना मां के
सभी कुछ है लेकिन नहीं कुछ भी
यहां तो हमारा बिना मां के
खुदा ने कभी क्या बता फैसला
किसी को उतारा बिना मां के।
