STORYMIRROR

शाह फैसल सुखनवर

Fantasy Inspirational Thriller

4  

शाह फैसल सुखनवर

Fantasy Inspirational Thriller

राज़ रख

राज़ रख

1 min
356

बात को दरमियां, राज़ रख

प्यार की दास्तां, राज़ रख


लोग बदनाम कर देंगे यार

दिल लगा है जहां, राज़ रख


यूं न तू इस ज़मीं पर उछल

मिल गया आसमां,राज़ रख


चीखकर यूं बयां कर न दिल

अपनी खामोशियां, राज़ रख


खुशगुमां बन के जी ज़िंदगी 

अपने सब बदगुमां राज़ रख


मांग माफ़ी खुदा से,मगर

दहर से गलतियां,राज़ रख


ज़िक्र ‘फैसल’ सितारे का कर 

जो मिली, कहकशां,राज़ रख।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy