ऐसा नानी कहती है
ऐसा नानी कहती है
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ख्वाबों में आती हैं परियां, ऐसा नानी कहती है
सर को सहलाती हैं परियां, ऐसा नानी कहती है
खेल खिलाती, खूब हंसाती, अंबर पर ले जाती हैं
यूं सैर कराती हैं परियां, ऐसा नानी कहती है
जब कोई बच्चा रोता है उसको गले लगाती हैं
दिल खुश कर जाती है परियां, ऐसा नानी कहती हैं
कलियां खिल खिल जाती हैं सब, फूल बहुत मुस्काते हैं
जब भी मुस्काती हैं परियां, ऐसा नानी कहती हैं
जादू की छड़ियां रखती हैं, जादू करती हैं ‘फैसल’
फिर गीत सुनाती हैं परियां, ऐसा नानी कहती है।
