लिपिस्टिक
लिपिस्टिक
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बहुत रंगीन होती है लिपिस्टिक
लबों को रंग देती है लिपिस्टिक
खबर आने की आई है सजन की
लगाकर खूब बैठी है लिपिस्टिक
लगे जो होंठ प्यारे गुल की मानिंद
बहुत उसने लपेटी है लिपिस्टिक
जो तन में आग लग जाए कभी तो
ये दिलबर पर बरसती है लिपिस्टिक
निकलकर एक डिब्बी से वो चुप की
लबों पर खूब हंसती है लिपिस्टिक
नहीं हटती निगाहें इन लबों से
सितम तू क्या ये कर बैठी लिपिस्टिक
हसीनों के लबों पर खूब फैले
कभी हल्की कभी गाढ़ी लिपिस्टिक।
