STORYMIRROR

Monika Sharma "mann"

Others

2  

Monika Sharma "mann"

Others

मेरी कहानी मेरी जुबानी

मेरी कहानी मेरी जुबानी

1 min
155

मैं जब बहुत थक जाती हूँ

आँसू बन छलक जाती हूँ

परवाह नहीं करती किसी की

गेहूँ में घुन सी पिस जाती हूँ


सुबह से शुरू हो रात हो जाती हूँ

ख़ुशियाँ सभी की बन जाती हूँ

सवालों में जब उलझ जाती हूँ

जवाब बन खुद को समझाती हूँ



Rate this content
Log in