इंसान की माया
इंसान की माया
पर्यावरण पर संकट आया
यह तो है केवल इंसान की माया
अपना विकास नित करता जाता
उसका स्वार्थ नित बढता जाता
इमारतें ऊंँची बनाता जाता
प्रदूषण नित बढ़ाता जाता
अब तो बन जाओ तुम
रक्षक बहुत बन चुके तुम भक्षक।
पर्यावरण पर संकट आया
यह तो है केवल इंसान की माया
अपना विकास नित करता जाता
उसका स्वार्थ नित बढता जाता
इमारतें ऊंँची बनाता जाता
प्रदूषण नित बढ़ाता जाता
अब तो बन जाओ तुम
रक्षक बहुत बन चुके तुम भक्षक।