भारतीय लोकतंत्र की बिगड़ती हालत एवं उसमें विधि रक्षकों द्वारा शक्ति के अनुचित प्रयोग पर रची गयी कवि भारतीय लोकतंत्र की बिगड़ती हालत एवं उसमें विधि रक्षकों द्वारा शक्ति के अनुचित प्...
अब तो बन जाओ तुम रक्षक बहुत बन चुके तुम भक्षक। अब तो बन जाओ तुम रक्षक बहुत बन चुके तुम भक्षक।
हमें बीमारी से बचाने के लिए अपना जी जान लगा रहे हैं। हमें बीमारी से बचाने के लिए अपना जी जान लगा रहे हैं।
बलशाली सत्ता के मद में , झूम रहे अलमस्त हैं। बलशाली सत्ता के मद में , झूम रहे अलमस्त हैं।
दुष्ट को कमज़ोर दिखता आदमी जब। और आँखों में रहे केवल नमी जब। आत्मघाती बन कपट से घात करता- ... दुष्ट को कमज़ोर दिखता आदमी जब। और आँखों में रहे केवल नमी जब। आत्मघाती बन ...
दीनन पर दया करो गिरिधर अब लाज तुम्हारे हाथों में. दीनन पर दया करो गिरिधर अब लाज तुम्हारे हाथों में.