रक्षक बनें भक्षक
रक्षक बनें भक्षक
हाय! रक्षक बन गए,
विकराल भक्षक; क्या करें?
घर हमारे रह रहे जो काल बनकर।
डस रहे अपनी सुता को व्याल बनकर।
वासना में लिप्त हो दुष्कर्म करके-
छा गए सिर वेदना विकराल बनकर।
बंद रखना ही पड़ेगा गेह पक्षक; क्या करें?
हाय! रक्षक बन गए, विकराल भक्षक; क्या करें?
आपको उपमान दे दूँ व्याध की मैं।
क्या सज़ा दूँ आपके अपराध की मैं?
भर्त्सना करता रहूँगा रोज़ लेकिन-
आपके मन की घृणित इस साध की मैं।
दूध पी जब बन गए विषयुक्त तक्षक; क्या करें?
हाय! रक्षक बन गए, विकराल भक्षक; क्या करें?
दुष्ट को कमज़ोर दिखता आदमी जब।
और आँखों में रहे केवल नमी जब।
आत्मघाती बन कपट से घात करता-
देखता है आत्मरक्षा की कमी जब।
अब स्वयं बनना पड़ेगा आत्मरक्षक; क्या करें?
हाय! रक्षक बन गए, विकराल भक्षक; क्या करें?