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भाऊराव महंत

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भाऊराव महंत

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होली कुंडलिया 01

होली कुंडलिया 01

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होली के रंग मे रंगा, यह सारा सँसार।

आओ सभी मिल करके, बांटे अपना प्यार।।

बांटे अपना प्यार, गरीब औ दुःखी जन को।

करलो इतना प्यार, सुखद शांति मिले मन को।।

कहे भाऊ कविराय, भरी हो सबकी झोली।

खुशियों से भरी हो, पर्व रंगों का होली।।



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