STORYMIRROR

भाऊराव महंत

Abstract

4  

भाऊराव महंत

Abstract

आज हम होली में

आज हम होली में

1 min
356

खेलें रंग–गुलाल, आज हम होली में 

नाचे–गाएँ हर हाल, आज हम होली में


सोनू–मोनू–दीप, चले आओ राजा 

खूब बजाएँ आज, सभी मिलकर बाजा 

बनकर गोकुल ग्वाल, आज हम होली में 

खेलें रंग–गुलाल, आज हम होली में


जल्दी–जल्दी रंग, भरो पिचकारी में 

चलो चलेंगे आज, सभी हम लॉरी में 

करदें मित्र धमाल, आज हम होली में 

खेलें रंग–गुलाल, आज हम होली में 


नीला-पीला-लाल, गुलाबी रंगों से 

लतपथ कीचड़ और निबटकर पंगों से 

चलो रँगाएँ गाल, आज हम होली में 

खेलें रंग–गुलाल, आज हम होली में


जो न रहा हो खेल, चलो पकड़ें उसको 

भाग रहा जो दूर, चलो जकड़ें उसको 

टोली बना विशाल, आज हम होली में

खेलें रंग–गुलाल, आज हम होली में


घर-घर में पकवान, रसीले बने हुए

खाने को तैयार, सभी हम ठने हुए 

खाएँ भर–भर थाल, आज हम होली में

खेलें रंग–गुलाल, आज हम होली में


होली का त्यौहार, सदा खुशियाँ लाए

हम बच्चों पर्व, यही अतिशय भाए

सच में हुए निहाल, आज हम होली में 

खेलें रंग–गुलाल, आज हम होली में


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract