जाकर जिनेन्द्रालय में पूजा अभिषेक करो। और अपने पाप कर्मो को तुम नष्ट करो।। थाल पूजा का लेकर चल... जाकर जिनेन्द्रालय में पूजा अभिषेक करो। और अपने पाप कर्मो को तुम नष्ट करो।। ...
कभी-कभी अपनत्व का मीठा भी परोस दिया करो। कभी-कभी अपनत्व का मीठा भी परोस दिया करो।
प्रिय करो तुम आरती माँ को मनाऊँ मैं। प्रिय करो तुम आरती माँ को मनाऊँ मैं।
सच में हुए निहाल, आज हम होली में खेलें रंग–गुलाल, आज हम होली में सच में हुए निहाल, आज हम होली में खेलें रंग–गुलाल, आज हम होली में
देशहित में सजग बन, स्वदेश से फर्ज निभाना है। देशहित में सजग बन, स्वदेश से फर्ज निभाना है।
चहक उठा है सारा घर-आंगन देख भाई-बहन का ये अटूट बंधन। चहक उठा है सारा घर-आंगन देख भाई-बहन का ये अटूट बंधन।