भोजन
भोजन
वो
परोस लाते हैं
थाल
व्यंजनों से भरा
जिसमें
अहसान
की चपातियां,
ईर्ष्या की दाल
नफरत
की सब्जियां
द्वेष
का रायता
होता है।
एक जैसा
खा-खा कर मन
ऊब गया है
कभी-कभी
अपनत्व का
मीठा भी
परोस दिया करो।
वो
परोस लाते हैं
थाल
व्यंजनों से भरा
जिसमें
अहसान
की चपातियां,
ईर्ष्या की दाल
नफरत
की सब्जियां
द्वेष
का रायता
होता है।
एक जैसा
खा-खा कर मन
ऊब गया है
कभी-कभी
अपनत्व का
मीठा भी
परोस दिया करो।