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me Basant

Tragedy

2  

me Basant

Tragedy

हत्यारे

हत्यारे

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हाँ,

हुई है हत्या

हमारे मन की,

हत्यारे ने की है

सपनों,

आरज़ुओं ,

जिन्दगानी की हत्या।


जहरबुझे शब्दों के

तीर छोड़े हैं

मन पर,

घोंटा है गला

प्यार का

मारा है

तड़पा- तड़पा कर

बिन प्यार के।


मृत मन

पूछता है बार-बार

हत्यारे ने

क्यों की हत्या

एक मासूम मन

प्यार के सागर की।



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