प्यार
प्यार
प्यार अब
भावनाओं का
अहसास नहीं
द्रोपदी का चीर नहीं
राधा सा इंतजार नहीं
कृष्ण की बांसुरी नहीं
अब तो
वैलेन्टाइन डे है
प्यार इंस्टेंट
हो गया है
विज्ञापन की तरह
धोया निचोड़ा और
हो गया बस
यूज़ एंड थ्रो
के इस युग में
यूज़ होकर
प्यार शीघ्र ही
थ्रो हो जाता है
और
यूज़लेस भी
