भाऊराव महंत
Drama
होली खेलेंगे मगर,
रहे आत्मसम्मान।
ठेस नहीं पहुँचे इसे,
इतना रखना ध्यान।
होली दोहा
आज हम होली मे...
होली दोहा 05
होली दोहा 03
होली दोहा 01
होली हाइकू
होली कुंडलिया...
एक जीत पाने के लिए, कई हार साथ होती है ! एक जीत पाने के लिए, कई हार साथ होती है !
बचपन के बारे में एक कविता...। बचपन के बारे में एक कविता...।
मेरी ज़िम्मेदारियाँ मुझे मरने नहीं देंगी...! मेरी ज़िम्मेदारियाँ मुझे मरने नहीं देंगी...!
जीवन को जीते रहने का ये, हुनर कहाँ से लाती हो तुम ? जीवन को जीते रहने का ये, हुनर कहाँ से लाती हो तुम ?
छोटी-छोटी इच्छाएं हैं मेरी छोटी सी अश्रुधारा से बनी हूँ मैं एक नदी मेरे किनारो के नाम हैं, स्वाभ... छोटी-छोटी इच्छाएं हैं मेरी छोटी सी अश्रुधारा से बनी हूँ मैं एक नदी मेरे किनार...
उलझनों में रहकर भी सुलझे रहना ही तो ज़िन्दगी है...! उलझनों में रहकर भी सुलझे रहना ही तो ज़िन्दगी है...!
छोटे बच्चों को ना रोको, खेलने दो रेत में पाक रहने दो उन्हें, अपना गणित सिखलाओ मत...! छोटे बच्चों को ना रोको, खेलने दो रेत में पाक रहने दो उन्हें, अपना गणित सिखलाओ...
सूरज की आहत किरणों से दी है तुमने राहत मुझे ! सूरज की आहत किरणों से दी है तुमने राहत मुझे !
किताब के पन्नों की तरह पलट जाए ज़िन्दगी तो क्या बात है ! किताब के पन्नों की तरह पलट जाए ज़िन्दगी तो क्या बात है !
सत्य हूं मैं, बिक चुका हूं झूठ के बाज़ार में । मैं अकेला चल रहा हूं... सत्य हूं मैं, बिक चुका हूं झूठ के बाज़ार में । मैं अकेला चल रहा हूं...
लबों के छिपे राज़ो को जानते है, चलो आज कुछ नया करते है.. लबों के छिपे राज़ो को जानते है, चलो आज कुछ नया करते है..
जिसका गहना उसका मान सम्मान है औऱ जिसकी मुस्कुराहट उसके आज़ाद विचारों की पहचान है ! जिसका गहना उसका मान सम्मान है औऱ जिसकी मुस्कुराहट उसके आज़ाद विचारों की पहचान...
इन मय-क़शी सदाओं में ज़रा सी अज़मत भर देना... गुज़ारिश है तुमसे, एक बार, बे-दिली से ही सही... ब... इन मय-क़शी सदाओं में ज़रा सी अज़मत भर देना... गुज़ारिश है तुमसे, एक बार, बे-...
जब तख्त की ज़ुबाँ बोलनेे लगे अखबार, तो कैसे लिख दूँ कि कलम की ताकत अभी ज़िंदा है...। जब तख्त की ज़ुबाँ बोलनेे लगे अखबार, तो कैसे लिख दूँ कि कलम की ताकत अभी ज़िंदा ह...
कठिनाइयों के सामने यूँ मजबूर ना हो तू खुद ही एक कोहीनूर है ! कठिनाइयों के सामने यूँ मजबूर ना हो तू खुद ही एक कोहीनूर है !
विनाश सदैव विकल्प है प्रथम खटकाओ सभी द्वार...! विनाश सदैव विकल्प है प्रथम खटकाओ सभी द्वार...!
हिमगिरि से निकल कर कल-कल, निरंतर प्रवाहमान करती छल- छल, है मेरी जलधारा निर्मल, पर्वत श्रृंखला मात... हिमगिरि से निकल कर कल-कल, निरंतर प्रवाहमान करती छल- छल, है मेरी जलधारा निर्मल,...
कौन है दुनिया मे जिसको ग़म नहीं वो तुम नहीं, वो हम नहीं ! कौन है दुनिया मे जिसको ग़म नहीं वो तुम नहीं, वो हम नहीं !
एक ही ज़िंदगी है, अपनी इच्छाओं को पूरी करो यही दुनिया के सारे द्वार खोलता है, मैंने भी सीखा कि अरमान ... एक ही ज़िंदगी है, अपनी इच्छाओं को पूरी करो यही दुनिया के सारे द्वार खोलता है, मैं...
क़लम की इस पैनी नोंक ने मुझे, शमशेरों से लड़ना सिखा दिया... क़लम की इस पैनी नोंक ने मुझे, शमशेरों से लड़ना सिखा दिया...