भाऊराव महंत
Tragedy
होली अब सिन्दूर की, खेल रहे कुछ लोग।
जिसके कारण स्त्रियाँ, पातीं रहीं वियोग।।
होली दोहा
आज हम होली मे...
होली दोहा 05
होली दोहा 03
होली दोहा 01
होली हाइकू
होली कुंडलिया...
आशा है निराशा है जीवन की परिभाषा है, अम्मा हो या बहन बेटियां सबकी यह अभिलाषा है! आशा है निराशा है जीवन की परिभाषा है, अम्मा हो या बहन बेटियां सबकी यह अभिलाषा...
आज प्रियतम की आगोश जितनी देर मिले कम है आज प्रियतम की आगोश जितनी देर मिले कम है
हक तो अपना कब का खो चुका था ये, अब तोड़ने के लिए इसे, तेरी हथेली पर रख दिया है! हक तो अपना कब का खो चुका था ये, अब तोड़ने के लिए इसे, तेरी हथेली पर रख दिय...
ज़िन्दगी ने ऊँचे नीचे मार्ग से चौड़ी सड़क पर ला खड़ा किया! ज़िन्दगी ने ऊँचे नीचे मार्ग से चौड़ी सड़क पर ला खड़ा किया!
जो बाते मेरे साथ शेयर होती थी, वो आज शायद किसी और के साथ शेयर हो रही होंगी। जो बाते मेरे साथ शेयर होती थी, वो आज शायद किसी और के साथ शेयर हो रही होंगी...
शायद आबो हवा पागल होगी वो बह चली तिनके के संग शायद आबो हवा पागल होगी वो बह चली तिनके के संग
ऐसा नहीं कि हमने रोका ना उन्हें, ज्यादा चाहत से वो ख़फा होते गए। ऐसा नहीं कि हमने रोका ना उन्हें, ज्यादा चाहत से वो ख़फा होते गए।
घर के मन्दिर में दीपक क्या जलाऊँ पड़ोस है मेरा अँधियारे की खान घर के मन्दिर में दीपक क्या जलाऊँ पड़ोस है मेरा अँधियारे की खान
ଲକ୍ଷ୍ୟ ସ୍ଥିର କରି ଗଲେ ଏକ ଲୟେ ଏ ଡଙ୍ଗା ବାହି ବାହି ଦୁଃଖର ଜଳପଥେ, ଶାନ୍ତି ସନ୍ତୋଷର କୂଳେ ଲାଗି ପାଏ... ଲକ୍ଷ୍ୟ ସ୍ଥିର କରି ଗଲେ ଏକ ଲୟେ ଏ ଡଙ୍ଗା ବାହି ବାହି ଦୁଃଖର ଜଳପଥେ, ଶାନ୍ତି ସନ୍ତୋ...
झाँक रहे हैं इधर उधर सब अपने अंदर झांकें कौन ? झाँक रहे हैं इधर उधर सब अपने अंदर झांकें कौन ?
दर्द सहना पड़ता है चोट लगती है जब दिल पे दर्द सहना पड़ता है चोट लगती है जब दिल पे
ना आना इस देश लाड़ो दुनिया बेटियों के लिए नहीं है! ना आना इस देश लाड़ो दुनिया बेटियों के लिए नहीं है!
आदत बन गए वो हमारी हम ही ना जान पाए वे कब होगा गए हमारे। आदत बन गए वो हमारी हम ही ना जान पाए वे कब होगा गए हमारे।
बिछड़ने की तारीख़ से आज तक, रुसवाइयों का बहता दरिया, बिछड़ने की तारीख़ से आज तक, रुसवाइयों का बहता दरिया,
चाह तो नहीं बारिशें हो हमेशा प्यार की चाहत में ये दोस्त हो परवाह सिर्फ यार की चाह तो नहीं बारिशें हो हमेशा प्यार की चाहत में ये दोस्त हो परवाह सिर्फ यार ...
बच्चों को बिठाकर, कंधे पर नंगे पाँव सैकड़ों मीलों का सफ़र, वो जो कर गया बच्चों को बिठाकर, कंधे पर नंगे पाँव सैकड़ों मीलों का सफ़र, वो जो कर गया
रिसता रहता है दर्द, घायल दिल से, बूँद- बूँद और कतरा- कतरा। रिसता रहता है दर्द, घायल दिल से, बूँद- बूँद और कतरा- कतरा।
कोई शख्स जब बहुत हँसता है तो उसकी हँसी के पीछे राज़ का क्या करें कोई शख्स जब बहुत हँसता है तो उसकी हँसी के पीछे राज़ का क्या करें
उसका तो पता नहीं है पर मेरा दिल आज भी बहुत रोया है उसका तो पता नहीं है पर मेरा दिल आज भी बहुत रोया है
हाल-ए-दिल अब बताना मुश्किल हुआ, दर्द-ए-दिल अब छुपाना मुश्किल हुआ। हाल-ए-दिल अब बताना मुश्किल हुआ, दर्द-ए-दिल अब छुपाना मुश्किल हुआ।