होली दोहा 03
होली दोहा 03

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निर्धनता में देखिए, रंग गुलाल विहीन।
फिर भी होली गाँव की, होती है रंगीन।।
निर्धनता में देखिए, रंग गुलाल विहीन।
फिर भी होली गाँव की, होती है रंगीन।।