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Abhimanyu Lohani

Inspirational

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Abhimanyu Lohani

Inspirational

मंज़िल और सिफारिशें

मंज़िल और सिफारिशें

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सिफारिशों की चाह कहाँ है मुझे,

मैं खुद से खुद में देखना चाहूँगा !

है मुश्किलें बहुत इनमें, पर मंज़िलों को,

एक ऐसे ही पाउँगा !

है डगर मुश्किल पर कहाँ कुछ आसान होता है ,

कोशिशें तो हर दिन सपनों को एक

नया आयाम देता है |

सिफारिशों की चाह कहाँ है मुझे.....


न दिखने वाले काटें होते हैं, इस राह पे, 

छू के जो निकल जाये ऐसी डर की

सोच भी होगी इस राह पर !

दूर से ही चुभती बातों का अंबार सा लगा होगा,

फिर भी हिम्मत कभी न इस दिल में कम होगा |

सिफारिशों की चाह कहाँ है मुझे.....


फिर से लौटना होगा हमे अपने राह में,

है राहगीर बहुत से अपनी ताक में !

कुछ उनकी सुननी होगी कुछ अपना सुनना होगा,

जो कुछ रुका था, उसे पथ में आगे ले जाना होगा |

सिफारिशों की चाह कहाँ है मुझे.....


चल पड़े अपनी सोच की ऊंचाइयों को साथ लिए,

चुन लो तुम भी कुछ अपनी चाह से यहाँ !

चलो करेंगे पूरा उस सोच को अपने काम से,

जीत लेंगे हर मुश्किल को भी अपने राह में |

सिफारिशों की चाह कहाँ है मुझे.....


न किसी ने रोका है, न रोक पायेगा,

इस बढ़ते कदम को,

चुनौतियाँ कभी कम न होगी , ये जान लो !

कि क्यों सोचते हो की, सफलता कब मिल पायेगी ,

तू सोच ले तो, हर कामयाबी तेरे कदम को चूम ले जाएगी |

सिफारिशों की चाह कहाँ है मुझे.....


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