STORYMIRROR

Abhimanyu Lohani

Children Stories

4.0  

Abhimanyu Lohani

Children Stories

सावन की महक

सावन की महक

2 mins
122


है चिरपरिचित अंदाज़ ये सावन का

कभी अठखेलियां हुआ करता था आंगन में

बारिश की बूंदों संग भीगने का वो मन

आंगन में बारिश के संग वो खेलता बचपन

है चिरपरिचित अंदाज़ ये सावन का


घर के पीछे के बागों कि हरियाली

सावन की हवाओं में झूमती वो अमरूद के पेड़ की डाली

पत्तों के झुरमुट से झरती वो बारिश की बूंदें

तन और मन को ठंडक पहुंचाती वो सावन कि हवाएं

है चिरपरिचित अंदाज़ ये सावन का 


बारिश के मौसम में वो बागों में वो पेड़ की नीचे बैठना

बेमौसम सी सर्द हवाओं से सिसकना

वो केले के पत्तों से सर को ढकना

फिसलती हुई पेड़ो पर चढ कर वो आम का तोड़ना

है चिरपरिचित ये अंदाज़ सावन का


खुले आसमां में वो बारिश म

ें भीगना

बारिश के पानी को दोनों हाथों को जोड़कर पीना

वो पैरों को छप से पानी में उड़ेलना

वो और तेज़ बारिश होने पर मन में खुशियों का होना

है चिरपरिचित ये अंदाज़ सावन का


वो बारिश के समय मां का आवाज देना 

उनके गुस्से होने पर हड़बड़ाहट में उनके पास आ जाना

वो प्यार से मां का सर के बालों का पोछना

मां के नर्म हाथों से से फिर भीगे बालों को सहलाना

है चिरपरिचित अंदाज़ ये सावन का


बारिश के बाद झर झर मोतियों सा वो

बारिश की बूंदों का पतों से झरना

उन बूंदों कि बारिश में फिर अपने दोस्तो को खींचना

उनके उस गुस्से को भी प्यार से देखना

फिर से उन पर बारिश की बूंदों को उड़ेलना

है चिरपरिचित अंदाज़ सावन का।


Rate this content
Log in