जीवन का लक्ष्य
जीवन का लक्ष्य
सूखे पत्तों की भी अहमियत है
उनमें चाट, पकोड़े लोग खाते है
ठूँठ पेड़ों की भी कीमत है
दरवाजे खिड़कियां उनसे बनती हैं।
दुनियां में कुछ बेकार नहीं होता
कबाड़ों भी मार्केट में बिकते हैं
वृद्ध इंसान भी बेशकीमती होते हैं
उनके अनुभव आपको नहीं दिशा देते हैं
किंतु आप उन्हें इग्नोर करते हैं।
उनसे ज्यादा खुद को तकलीफ देते हैं
इस सत्य को जिस दिन आप समझ लेंगे
उसी दिन अपने लक्ष्य को आप पा लेंगे..!