कागज़ , क़लम , दवात !
कागज़ , क़लम , दवात !
सुन रे भाई, सुन रे बहना ,
अत्याचार कभी मत सहना |
अनाचार से दूर ही रहना ,
मेरी बात सभी से कहना | |
इज्ज़त के संग जीना है तो ,
सुन लो मेरी बात |
पढो,लिखो और मित्र बना लो ,
काग़ज़, क़लम ,दवात | |
साक्षरता की ज्योति सलोनी ,
अपनी भाषा , अपनी बोली |
शब्दों की सुन्दर हमजोली ,
विद्या ज्ञान से भर लो झोली | |
अधिकारों को पाना है तो ,
शोषण दूर मिटाना है तो ,
सुन लो मेरी बात -
पढो,लिखो और मित्र बना
लो ,
काग़ज़ क़लम दवात | |
घर शिक्षित तो देश है शिक्षित ,
प्रजातंत्र की नींव सुरक्षित |
साक्षर हों भारत के जन- जन ,
बापू की ये बात | |
पढो,लिखो और मित्र बना लो ,
काग़ज़ , क़लम दवात | |
बंधक बनकर जीने से तो ,
अच्छा है मर ही जाना |
लोकतंत्र का सपना भी तो ,
जन-जन का शिक्षा पाना | |
लोकतंत्र का यही इरादा ,
देश की है सौगात -
पढो,लिखो और मित्र बना लो ,
काग़ज़,क़लम . दवात | |