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Prafulla Kumar Tripathi

Inspirational

4.5  

Prafulla Kumar Tripathi

Inspirational

कागज़ , क़लम , दवात !

कागज़ , क़लम , दवात !

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सुन रे भाई, सुन रे बहना ,

अत्याचार कभी मत सहना |

अनाचार से दूर ही रहना ,

मेरी बात सभी से कहना | |


इज्ज़त के संग जीना है तो ,

सुन लो मेरी बात |

पढो,लिखो और मित्र बना लो ,

काग़ज़, क़लम ,दवात | |


साक्षरता की ज्योति सलोनी ,

अपनी भाषा , अपनी बोली |

शब्दों की सुन्दर हमजोली ,

विद्या ज्ञान से भर लो झोली | |


अधिकारों को पाना है तो ,

शोषण दूर मिटाना है तो ,

सुन लो मेरी बात -

पढो,लिखो और मित्र बना

लो ,

काग़ज़ क़लम दवात | |


घर शिक्षित तो देश है शिक्षित ,

प्रजातंत्र की नींव सुरक्षित |

साक्षर हों भारत के जन- जन ,

बापू की ये बात | |


पढो,लिखो और मित्र बना लो ,

काग़ज़ , क़लम दवात | |


बंधक बनकर जीने से तो ,

अच्छा है मर ही जाना |

लोकतंत्र का सपना भी तो ,

जन-जन का शिक्षा पाना | |


लोकतंत्र का यही इरादा ,

देश की है सौगात -

पढो,लिखो और मित्र बना लो ,

काग़ज़,क़लम . दवात | |



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