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Kanchan Shukla

Action Inspirational

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Kanchan Shukla

Action Inspirational

प्रयास

प्रयास

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चलते-चलते राहों में जब,

गिर जाओ अनायास।

हिम्मत ना हारो क्षण भी

साहस के साथ पुनः प्रयास।।


चोट लगी है, पर ना हो उदास,

नई आस, एक नया प्रयास।

चींटी भी तो भोजन हेतु,

तिनका तिनका उठा उठा कर

ले जाती है निज आवास।

साहस के साथ पुनः प्रयास।।


पक्षी भी तो तिनका तिनका,

जोड़ बनाते निज आवास।

दोनों गिरते बारम्बार,

पर ना छोड़े कभी प्रयास।

साहस के साथ पुनः प्रयास।।


बार-बार जब करें प्रयास,

मिले सफलता का एहसास।

देर कभी हो सकती है पर,

मेहनत पर करके विश्वास।

करो प्रयास पुनः प्रयास।।



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