कुछ दोस्त होते हैं....
कुछ दोस्त होते हैं....
कुछ दोस्त होते हैं....!
जिनके सामने हम,
खुल कर कह सकते हैं।
कितनी भी देर तक,
जिन्हें सुन सकते हैं।
कुछ दोस्त होते हैं....!
जिनके साथ हम,
जैसे चाहे वैसे रह सकते हैं।
रोते हुए हंस सकते हैं।
हंसते हुए रो सकते हैं।
बेसुरा भी गा सकते हैं।
ना आए तो भी नाच सकते हैं।
कुछ दोस्त होते हैं....!
जिनसे कुछ छिपाना नहीं पड़ता।
जिनको सब कुछ बताना नहीं पड़ता।
थोड़ा कह देने से सब समझ जाते हैं,
तर्क दे-दे कर समझाना नहीं पड़ता।
कुछ दोस्त होते हैं....!
जिनके साथ वक्त ,
पंख लगा उड़ जाता है।
मन फिर से बचपन की
तरफ मुड़ जाता है।
ऐसे कुछ दोस्त होते हैं.....!