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Kanchan Shukla

Abstract

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Kanchan Shukla

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लाल गुलाब

लाल गुलाब

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कभी जो लाल गुलाब दिए थे,

एक दूजे को हमने


आओ उन्हें फिर से ताजा कर दें

प्यार पुराना होकर निखर गया है


पर कुछ -कुछ बिखर गया है

आओ फिर से इसे नया सा कर दें


कुछ पल जो पीछे छूट गए हैं,

बहुत प्यारे हैं मुझे


लौटा सके जो एक दूजे को,

आओ थोड़ी कोशिश कर ले।


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