रूप धारण कर नहरों का करती कृषिक्षेत्र को सिंचित रूप धारण कर नहरों का करती कृषिक्षेत्र को सिंचित
ज़मीन से परे जब आकाश बुला लेगा तुम्हें मोटी आँखों से टटोलते हुए पूछा था तुमने ज़मीन से परे जब आकाश बुला लेगा तुम्हें मोटी आँखों से टटोलते हुए पूछा था...
जहाँ सोते थे कई सितारे उसके साथ और चाँद दिया करता था पहरा सारी रात। जहाँ सोते थे कई सितारे उसके साथ और चाँद दिया करता था पहरा सारी रात।
इंसान एक है यह बात भी उसके विश्वास पर ही निर्भर रहती है। इंसान एक है यह बात भी उसके विश्वास पर ही निर्भर रहती है।
इसलिए कहता हूं थोड़ा-थोड़ा नभ में, जल्दी-जल्दी खोते जाना ! इसलिए कहता हूं थोड़ा-थोड़ा नभ में, जल्दी-जल्दी खोते जाना !
माँ का प्रतिविम्ब, पिता की परी होती है बेटी, भाई की लाडली, भाभी की सखी होती है बेटी, माँ का प्रतिविम्ब, पिता की परी होती है बेटी, भाई की लाडली, भाभी की सखी होती ह...