प्रकृति से कुछ सीखो
प्रकृति से कुछ सीखो
पेड़ बने आवास किसी का
गांव बने निवास किसी का
फूल बने सुवास किसी का
फल बनी मिठास किसी का
बादल बने बरसात किसी की
आकाश बने उम्मीद किसी की
सूरज बने चमक किसी की
पर्वत बने मन किसी का
चांद बने प्यार किसी का
तो हम भी बने विश्वास किसी का।
भाव: प्रकृति में चांद सूरज बादल पर्वत पेड़ फूल फल जैसे कई सारे यह सब हमें कुछ ना कुछ सीखने के लिए कह रहे हैं प्रकृति हमें कह रही है कि मुझसे कुछ सीख ले तभी तो एक अच्छा इंसान बनेगा फलों की तरह मिठास भर ले।
अपने मन में पेड़ की तरह महका दो अपने तन को सूरज की तरह चमका दो अपने सोच को नदियों की तरह लहरा दो अपने प्यार को चांद की तरह सुंदर बनाओ अपने मन को और कई सारी चीजें हैं जो प्रकृति हमें सिखाती है की विश्वास जी तो तुम अपने लोगों का यही तुम्हें आगे ले जाएगा इसीलिए कह रही है कि तुम भी बनो विश्वास किसी का विश्वास ही एक ऐसी चीज है जो इंसान की इंसानियत को कायम रखती है और इंसान एक है यह बात भी उसके विश्वास पर ही निर्भर रहती है।
