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छ:महीने हो गये पर नितेश के मन से वह तस्वीर निकलती ही नहीं छ:महीने हो गये पर नितेश के मन से वह तस्वीर निकलती ही नहीं
चारों तरफ भागम- भाग कोई पकड़ने भाग रहा तो कोई बचने चारों तरफ भागम- भाग कोई पकड़ने भाग रहा तो कोई बचने
सब परेशान हैं यहाँ" पता नहीं कहाँ , क्या हुआ है सब परेशान हैं यहाँ" पता नहीं कहाँ , क्या हुआ है
आज अम्मा के पड़पोते का नामकरण संस्कार है आज अम्मा के पड़पोते का नामकरण संस्कार है
बेटी अपनी घर गृहस्थी में रम गई बेटी अपनी घर गृहस्थी में रम गई
हम घर के, बड़े लड़के जीवन भर अपेक्षा के नीचे दब जाते है।। हम घर के, बड़े लड़के जीवन भर अपेक्षा के नीचे दब जाते है।।
सभी को सोहना से सहानुभूति थी पर वे उसके कृत्यों को भूला नहीं पा रहे थे। सभी को सोहना से सहानुभूति थी पर वे उसके कृत्यों को भूला नहीं पा रहे थे।
प्रेम में उसके सारा जग नहाया था। रात फिर घिर आई थी। प्रेम में उसके सारा जग नहाया था। रात फिर घिर आई थी।
हाँ, कल बता रही थी अकेली स्त्री के स्थिति बारे में तो मुझसे रुका नहीं गया। हाँ, कल बता रही थी अकेली स्त्री के स्थिति बारे में तो मुझसे रुका नहीं गया।
सबको सताया और तो और अपने बेटे तक से मिलना इसने ठीक ना समझा यह इसके खुद के कर्म है।" सबको सताया और तो और अपने बेटे तक से मिलना इसने ठीक ना समझा यह इसके खुद के कर्म ह...