उन्हें उनके हिस्से की खुशियाँ दे
हमें हमारे हिस्से की,
कोई दुख न हो कभी उन्हें
पर हमारे दुख में भी सदा साथ रहना
छल ,धोखा कपट,
मन में भ्रम व कलुश्ति विचार लिये घूमते हैं
वह अक्सर अपना नुकसान करते हैं
कुछ लोग कभी नहीं सुधरते,ऐसे ,जब अपने हो
तो और भी मुश्किल है न छोड़ सकते हैं,नअपना सकते हैं।
जारी है जंग,कहीं रिश्ते बचाने में,कहीं पैसे कमाने में
रोज जीते है कल सुनहरा बनाने में
जब सब हाथ से छूट रहा हो
छोड़ दीजिए।
हाथ छाड़कर ,जीवन को नये सिरे से शुरू कीजिए
अगर सफलता चाहते हैं,तो पहले उन्हें छोडों ,जो पीछें खींचतें हैं।
कमकुम गंगवार
माँगा किससे है यह मैंने देता कौन है क्या मुझे
मांगू तो ईश्वर से
देता है सबको कर्मों के हिसाब से
कुमकुम गंगवार