कोई भी तीर ठीक निशाने पे न लगा, नज़रें भटक गईं या निशाना ख़राब है। कोई भी तीर ठीक निशाने पे न लगा, नज़रें भटक गईं या निशाना ख़राब है।
ऐसा लगता है मन कहीं भटक गया रोक नहीं पाया उस जुनून को ऐसा लगता है मन कहीं भटक गया रोक नहीं पाया उस जुनून को
दिल तोड़कर मेरा कहाँ हुआ मुंह पीला ही नहीं बदल लो लाख आशिक कपड़ों की तरह दिल तोड़कर मेरा कहाँ हुआ मुंह पीला ही नहीं बदल लो लाख आशिक कपड़ों की तरह
मैं भी चली जा रही हूँ चाहे-अनचाहे रास्तो पर, मालुम नहीं कहाँ जाकर के रूकना है .... मैं भी चली जा रही हूँ चाहे-अनचाहे रास्तो पर, मालुम नहीं कहाँ जाकर के रूकना है .....
बाधाएँ जब आ जाए तो, उनसे मत घबराना तुम, रख धीरज संग हिम्मत खुद में, बेखौफ हो लड़ जान बाधाएँ जब आ जाए तो, उनसे मत घबराना तुम, रख धीरज संग हिम्मत खुद में, बेख...
आसरा हो चरण कमलों का, यादों में अपने रख लीजिए आसरा हो चरण कमलों का, यादों में अपने रख लीजिए