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Manjul Manzar Lucknowi

Others

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Manjul Manzar Lucknowi

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मुक्तक

मुक्तक

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पहले कहा कि ठौर ठिकाना ख़राब है।

ऊपर से बोलते हो ज़माना ख़राब है।

कोई भी तीर ठीक निशाने पे न लगा,

नज़रें भटक गईं या निशाना ख़राब है।



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