STORYMIRROR

ADITYA MISHRA

Abstract Inspirational

4.6  

ADITYA MISHRA

Abstract Inspirational

जीवन की धारा

जीवन की धारा

1 min
337


जीवन की धाराओं ने

इतना मुझको सिखा दिया

पानी बुझाई प्यास किसी की

किसी की कश्ती डुबा दिया।


जो क्षण आज खुशी है देती

तय नहीं ये क्षण कल भी रहेगी

जो तुम्हें आज लगता गम है

हो कल खुशी की वो राह बनेगी।


कुछ भी नहीं स्थायी यहां है

पलभर में बाजी है पलटती

राजा रंक बना एक क्षण में

जीवन सार कहानी ये कहती।


धूप की जब भी आस लगाईं

बारिश मुझको भींगा दिया

वर्षा की बूंदों से बचा तो

ओस की बूंदों ने भींगा दिया।


जीवन की धाराओं ने

इतना मुझको सिखा दिया

हवा सुखाये किसी का पसेवन 

किसी का दीपक बुझा दिया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract