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ADITYA MISHRA

Abstract

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ADITYA MISHRA

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ग्रैंडपा

ग्रैंडपा

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जब से याद हमें कुछ है

आप हमारे साथ थे ग्रैंडपा,

बचपन में जब दोस्त न थे

तो आप हमारे बेस्ट फ्रेंड थे ग्रैंडपा।


वो हमारा स्कूल जाते समय

पॉकेटमनी के लिए हाथ फैलाना

और आपका मुस्कुराकर पैसे देना

बहुत याद आता है ग्रैंडपा।


जब भी जरूरत पङी किसी चीज की

दौङकर आपके पास आते थे ,

पापा से न मांगकर आपसे मांगते थे

और आपका हमारी हर जरूरत पूरी करना

बहुत याद आता है ग्रैंडपा।


गलती जब भी रही हमारी

हमें कुछ न बोलते थे,

बजाय हमें कुछ कहने के

मां पापा को डांटते थे

आपका ये प्यार बहुत याद आता है ग्रैंडपा।


याद हमें वो दिन भी है

जब हमसे गांव हमारा छूट रहा था,

और उस मजबूत शख्सियत की आंखों को

पहली बार नम देखा था

वो याद हमें झकझोर देती है ग्रैंडपा

सच कहते है, बहुत याद आते हो आप ग्रैंडपा।


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