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Yogeshwari Arya

Abstract

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Yogeshwari Arya

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मैं इंसा हूं

मैं इंसा हूं

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ना ही मै हवा हूँ ना ही मै रोशनी हूँ

जिससे जब चाहे मोड़ा जा सके

मै इंसा हूँ

जिसमे थोड़ी ही सही पर जान है

ज्यदा चाह तो नहीं 

लेकिन थोड़ी उमीद है

तुमने जैसा चाहा मैंने वैसा ही किया

तुमने जिस पथ पे चलने को कहा 

मै वहां चली भी

लेकिन यू अचानक ना कहो

की ये पथ अब सही नहीं

तुम्हारे तो शब्द थे

मेरी तो ज़िन्दगी थी

अब यू कह देना

सब गलत था तुम्हें फिर से शुरू करना होगा

ये तो लाज़मी नहीं

रास्ता गलत, ज़िन्दगी गलत 

मै गलत, ये दुनिया भी गलत 

अरे यार कभी यह तो मान लो

की तुम भी गलत हो सकते हो।

कोई नहीं हम एक नई शुरुआत करेंगे 

लेकिन ये तो ना कहो मेरी पूरी जिंदगी गलत है

मै इंसा हूँ

हवा या रोशनी नहीं 

जिससे जब चाहे मोर दिया 

और जब चाहे छोर दिया

मै इंसा हूँ!



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