अनकही कहानी
अनकही कहानी
हर शख्स आज छुपाये है
अंदर एक अनकही कहानी
दुनियावालों से बताते
सहम जाता है
क्या कोई समझ सकेगा उसकी
इस अनकही कहानी को
क्या कोई न्याय करेगा उसकी
इस अनकही कहानी को
बात ये नही कि कहानी
सबकी नज़रों में अर्थपूर्ण हो
बात तो ये है कि क्या कोई
उसकी ज़िन्दगी के शब्दों को
वैसे ही सुनेगा जैसा वो
समझाना चाहता है
या फिर जग हँसाई के खौफ से
चुप रह समेट लेता वो कहानी
अपनी ज़िंदगी के साथ
चल पड़ता अकेले ही लिए
अपनी अनकही कहानी की गठरी।